लड़कों की मोबाइल की वजह से नहीं हो रही शादी! MP के इस गांव में लोगों के सामने अजीबोगरीब समस्या

सिवनी
मोबाइल की वजह से पति-पत्नी में अनबन की खबरें तो आपने खूब सुनी होंगी लेकिन एक ऐसा इलाका है जहां मोबाइल की वजह से ही लड़कों की शादी नहीं हो पा रही है. ये इलाका है सिवनी जिले के कुरई ब्लॉक में आने वाले नएगांव का. नयागांव एक वनग्राम है जो पेंच टाइगर रिजर्व के बफर जोन में आता है. यहां कुंवारे लड़कों की तादाद बढ़ती जा रही है. कोई भी यहां अपनी लड़की की शादी करने के लिए तैयार नहीं होता. वजह है मोबाइल नेटवर्क का ना होना.

नएगांव में किसी भी टेलीकॉम कंपनी का नेटवर्क नहीं मिलता. लोगों के पास मोबाइल तो हैं लेकिन बात करने के लिए गांव से तीन किमी दूर जाना पड़ता है, तब जाकर फोन पर बात हो पाती है. गांव के कुछ लड़के इसीलिए कमाने महाराष्ट्र के नागपुर चले गए हैं.

नहीं हो रही गांव के युवकों की शादी

गांव की रहने वाली श्यामा बाई अपने 29 साल के बेटे की शादी के लिए परेशान हैं. श्याम बाई बताती हैं कि बहुत परेशानी होती है. कोई भी लड़की नहीं दे रहे हैं. लड़की वाले बोलते हैं कि यहां नेटवर्क नहीं मिलता. फोन नहीं लगता. मेरे दो लड़कों की शादी तो हो गई लेकिन छोटा लड़का, जो 29 साल का है, उसकी शादी में परेशानी आ रही है. लड़की वाले बोलते हैं यहां नेटवर्क नहीं है.

गांव के ही डुलम सिंह कुंजाम बताते हैं कि नेटवर्क नहीं आता है इसीलिए कोई लड़की देना नहीं चाहता. यह समस्या सभी के साथ है. लड़की मांग रहे हैं, सामने वाला लड़की नहीं दे रहा है. बोलते हैं हमारी लड़की से कैसे बात करेंगे. डिलीवरी के समय एम्बुलेंस को कॉल करने भी दूर जाना पड़ता है.

'रिचार्ज कराते हैं लेकिन इस्तेमाल के लिए दो किमी दूर जाना पड़ता है'

गांव के युवा तो नेटवर्क ना होने की वजह से सबसे ज़्यादा नाराज भी हैं और परेशान भी. 29 साल के चैतलाल उइके बताते हैं यहां नेटवर्क नहीं होता है और आज के जमाने में मोबाइल के बिना जिंदगी नहीं चल पाती है. हर जगह नेटवर्क होना चाहिए. मोबाइल में रिचार्ज कराते हैं और इस्तेमाल करने दो किमी दूर जाना पड़ता है. बच्चे ऑनलाइन नहीं पढ़ पाते हैं. किसी को इमरजेंसी में हमसे बात करनी हो, कोई मर भी जाए तो भी यहां फोन नहीं आएगा. शिकायत करते हैं तो बोलते हैं फॉरेस्ट का गांव है तो नहीं बनेगा. हम तो यहां के निवासी हैं, क्यों नहीं बनेगा.

बीएसएनएल लगा रहा है टावर

करीब 650 लोगों की आबादी वाले इस गांव में मोबाइल नेटवर्क ना होने की वजह से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से लेकर स्कूल के शिक्षकों तक के काम अटक जाते हैं. पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि कवरेज विहीन गांवों के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत बीएसएनएल टावर लगा रहा है. कुछ दिन पहले चार गांवों में टावर लग चुके हैं. दूसरे चरण में इस गांव का नाम हो सकता है.

 

India Edge News Desk

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